ऑप्शन सेलिंग का सम्पूर्ण ज्ञान (Option Selling in Hindi – Full Guide)

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1. ऑप्शन क्या होता है? (What is Option?)

ऑप्शन एक डेरिवेटिव (Derivative) इंस्ट्रूमेंट है जो किसी अंडरलाइंग एसेट (जैसे कि स्टॉक, इंडेक्स, कमोडिटी आदि) पर आधारित होता है। ऑप्शन दो प्रकार के होते हैं:

  • कॉल ऑप्शन (Call Option): यह एक राइट देता है लेकिन बाध्यता नहीं, कि खरीदार भविष्य में किसी विशेष प्राइस पर स्टॉक को खरीदे।
  • पुट ऑप्शन (Put Option): यह एक राइट देता है लेकिन बाध्यता नहीं, कि खरीदार भविष्य में किसी विशेष प्राइस पर स्टॉक को बेचे।

2. ऑप्शन खरीदना बनाम ऑप्शन बेचना (Buying vs. Selling Options)

  • ऑप्शन खरीदना (Option Buying): आप एक प्रीमियम देकर राइट खरीदते हैं।
  • ऑप्शन बेचना (Option Selling): आप वह राइट किसी को बेचते हैं और प्रीमियम कमाते हैं।

👉 ऑप्शन सेलिंग में रिस्क ज्यादा होता है, लेकिन सफलता की संभावना और इनकम भी अधिक होती है।


3. ऑप्शन सेलिंग क्या है? (What is Option Selling?)

ऑप्शन सेलिंग का मतलब है किसी कॉल या पुट ऑप्शन को बेचना। जब आप ऑप्शन बेचते हैं, तो आप एक निश्चित प्रीमियम (premium) लेते हैं। यदि वह ऑप्शन बेकार चला जाता है (expire worthless), तो वह प्रीमियम आपकी कमाई बन जाती है।

उदाहरण:

  • आपने निफ्टी का 22000 का कॉल ऑप्शन बेचा ₹100 प्रीमियम पर।
  • अगर निफ्टी expiry पर 22000 से नीचे रहता है, तो वह कॉल ऑप्शन बेकार हो जाएगा।
  • आपका ₹100 का प्रीमियम पूरा आपका लाभ बन जाएगा।

4. ऑप्शन सेलिंग के प्रकार (Types of Option Selling)

  1. नकद-सेटलमेंट सेलिंग (Cash-Settled Option Selling):
    • जैसे इंडेक्स ऑप्शन (Bank Nifty, Nifty) आदि।
    • इसमें डिलीवरी नहीं होती।
  2. स्टॉक ऑप्शन सेलिंग (Stock Option Selling):
    • ये ऑप्शंस स्टॉक्स पर होते हैं जैसे रिलायंस, टीसीएस आदि।
    • इसमें एक्सपायरी पर डिलीवरी भी हो सकती है (अगर इन-द-मनी हुआ तो)।
  3. इन्ट्राडे ऑप्शन सेलिंग:
    • दिन के अंदर ही पोजीशन लेना और बंद करना।
  4. एक्सपायरी डे सेलिंग:
    • महीने या सप्ताह के आखिरी दिन ऑप्शन सेल करना, जब टाइम डिके ज्यादा होता है।

5. ऑप्शन सेलर बनने के लिए आवश्यक बातें (Requirements for Option Selling)

  1. मार्जिन (Margin):
    • ऑप्शन सेलिंग के लिए बड़ी पूंजी की ज़रूरत होती है। सामान्यतः एक लॉट बेचने के लिए ₹1.2 लाख से ₹2 लाख तक का मार्जिन लगता है।
  2. ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट:
    • ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए आपके पास ट्रस्टेड ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए।
  3. स्ट्रैटेजी का ज्ञान:
    • रिस्क कम करने के लिए आपको स्ट्रैटेजी की जानकारी होनी चाहिए (जैसे कि कवर कॉल, स्प्रेड्स आदि)।

6. ऑप्शन सेलिंग की मुख्य स्ट्रैटेजी (Important Option Selling Strategies)

1. कवर कॉल (Covered Call):

  • अगर आपके पास कोई स्टॉक है, तो उसके ऊपर कॉल ऑप्शन बेच सकते हैं।
  • इससे आपको प्रीमियम इनकम होती है।

2. बियर कॉल स्प्रेड (Bear Call Spread):

  • एक हाईर स्ट्राइक पर कॉल ऑप्शन बेचना और एक लोअर स्ट्राइक पर कॉल खरीदना।
  • लिमिटेड रिस्क और लिमिटेड प्रॉफिट।

3. बुल पुट स्प्रेड (Bull Put Spread):

  • एक लोअर स्ट्राइक पर पुट ऑप्शन बेचना और एक हाईर स्ट्राइक पर पुट खरीदना।

4. शॉर्ट स्ट्रैडल:

  • एक ही स्ट्राइक प्राइस पर कॉल और पुट दोनों बेचना।
  • तब फायदेमंद जब मार्केट साइडवेज़ हो।

5. शॉर्ट स्ट्रैंगल:

  • अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस पर कॉल और पुट बेचना।

7. ऑप्शन सेलिंग में टाइम डिके (Theta) का महत्व

टाइम डिके यानी “थेटा” ऑप्शन की वैल्यू को रोज़ थोड़ा-थोड़ा कम करता है। ऑप्शन सेलर के लिए यह एक बड़ा फायदा है।

  • जैसे-जैसे एक्सपायरी नजदीक आती है, ऑप्शन की वैल्यू कम होती जाती है।
  • यदि मार्केट बहुत ज्यादा मूव नहीं करता, तो बेचा हुआ ऑप्शन बेकार हो सकता है – जिससे प्रीमियम सेलर को मिल जाता है।

8. ऑप्शन सेलिंग में रिस्क (Risks in Option Selling)

ऑप्शन सेलिंग में असीमित (Unlimited) नुकसान हो सकता है, विशेषकर यदि आपने बिना हेजिंग (hedge) के सेलिंग की है।

जोखिम:

  1. मार्केट में तेज मूवमेंट: जैसे कि न्यूज, बजट, इलेक्शन आदि के दौरान।
  2. गैप-अप या गैप-डाउन ओपनिंग।
  3. मार्जिन कॉल: यदि आपकी पोजीशन लॉस में जाती है तो ब्रोकर आपको और फंड जमा करने को कह सकता है।

समाधान:

  • हेजिंग करना (जैसे स्प्रेड स्ट्रैटेजी से)।
  • पोजीशन साइज कंट्रोल करना।
  • SL (Stop Loss) का प्रयोग करना।

9. ऑप्शन सेलिंग के फायदे (Advantages of Option Selling)

  1. हाई प्रोबेबिलिटी ऑफ विनिंग: करीब 60-70% ऑप्शन एक्सपायरी तक बेकार हो जाते हैं।
  2. नियमित इनकम: हर सप्ताह या महीने प्रीमियम से इनकम।
  3. थेटा का लाभ: टाइम डिके से फायदा।
  4. साइडवेज़ मार्केट में श्रेष्ठ प्रदर्शन।

10. ऑप्शन सेलिंग के लिए आवश्यक मानसिकता (Mindset for Option Sellers)

  1. धैर्य: हर दिन प्रॉफिट नहीं होगा।
  2. डिसिप्लिन: प्लान के अनुसार ट्रेड करना।
  3. इमोशन कंट्रोल: लालच और डर से दूर रहना।
  4. जोखिम प्रबंधन: कभी भी एक ही पोजीशन में पूरा पूंजी न लगाएं।

11. कौन लोग ऑप्शन सेलिंग कर सकते हैं?

  • जिनके पास पूंजी है (₹1 लाख+)
  • मार्केट का बेसिक ज्ञान है
  • जोखिम सहन करने की क्षमता है
  • जो लॉन्ग टर्म इनकम चाहते हैं

12. ऑप्शन सेलिंग बनाम ऑप्शन बायिंग तुलना (Comparison)

पहलूऑप्शन बायिंगऑप्शन सेलिंग
पूंजीकम लगती हैअधिक पूंजी लगती है
सफलता की संभावनाकम (30-40%)अधिक (60-70%)
लाभअनलिमिटेडलिमिटेड
नुकसानलिमिटेडअनलिमिटेड (बिना हेजिंग)
टाइम डिके प्रभावनुकसानदायकफायदेमंद

13. टैक्स और रिपोर्टिंग (Taxation on Option Selling)

  • ऑप्शन सेलिंग से होने वाला लाभ बिजनेस इनकम माना जाता है।
  • इस पर आपको ITR-3 फॉर्म से फाइल करना होता है।
  • टैक्स स्लैब आपके कुल इनकम पर निर्भर करता है।

14. ऑप्शन सेलिंग के लिए टॉप ब्रोकर

  1. Zerodha
  2. Angel One
  3. Upstox
  4. Dhan
  5. ICICI Direct (Pro Traders के लिए)

15. निष्कर्ष (Conclusion)

ऑप्शन सेलिंग एक शक्तिशाली लेकिन जोखिम भरी ट्रेडिंग तकनीक है। इसमें सफल होने के लिए न केवल पूंजी की आवश्यकता होती है, बल्कि अनुभव, ज्ञान, धैर्य और रिस्क मैनेजमेंट का भी बड़ा रोल होता है। यदि आप नियमों का पालन करते हैं और हेजिंग स्ट्रैटेजी का प्रयोग करते हैं, तो ऑप्शन सेलिंग से एक स्थिर और निरंतर इनकम बनाई जा सकती है।


📌 टिप्स:

  • कभी भी “नग्न” (Naked) ऑप्शन न बेचें।
  • हमेशा SL का प्रयोग करें।
  • खबरों वाले

दिन ऑप्शन सेलिंग से बचें।

  • लगातार सीखते रहें।

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