परिचय:

ट्रेडिंग की दुनिया में “डेल्टा (Delta)” एक बहुत ही महत्वपूर्ण शब्द है, विशेषकर ऑप्शन्स ट्रेडिंग में। यह एक ऐसा ग्रीक लैटर है जो यह मापता है कि किसी ऑप्शन की कीमत (Premium) उसके अंडरलाइंग एसेट की कीमत में बदलाव के साथ किस अनुपात में बदलती है।

इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि डेल्टा क्या है, यह कैसे काम करता है, इसके प्रकार, गणना, और व्यवहारिक उदाहरण।

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🔹 डेल्टा (Δ) क्या है?

डेल्टा एक संख्या होती है जो दर्शाती है कि जब अंडरलाइंग स्टॉक की कीमत ₹1 बढ़ती है या घटती है, तो ऑप्शन की कीमत कितनी बढ़ेगी या घटेगी।

डेल्टा का मान:

  • Call Options के लिए: 0 से लेकर +1 के बीच
  • Put Options के लिए: 0 से लेकर -1 के बीच

उदाहरण:

अगर किसी Call Option का डेल्टा 0.6 है, और स्टॉक की कीमत ₹1 बढ़ती है, तो ऑप्शन की कीमत लगभग ₹0.60 बढ़ेगी।


🔹 डेल्टा का महत्व क्यों है?

  1. यह ट्रेडर को रिस्क और रिवॉर्ड का अनुमान लगाने में मदद करता है।
  2. डेल्टा यह बताता है कि किसी ऑप्शन की कीमत स्टॉक मूवमेंट के साथ कितनी संवेदनशील है।
  3. डेल्टा से यह भी पता चलता है कि किसी ऑप्शन के इन द मनी (ITM), एट द मनी (ATM) या आउट ऑफ द मनी (OTM) होने की कितनी संभावना है।

🔹 डेल्टा के प्रकार (Call और Put ऑप्शन में):

Call Option का डेल्टा:

  • ITM Call Option → डेल्टा करीब +0.8 से +1.0
  • ATM Call Option → डेल्टा करीब +0.5
  • OTM Call Option → डेल्टा करीब +0.1 से +0.4

Put Option का डेल्टा:

  • ITM Put Option → डेल्टा करीब -0.8 से -1.0
  • ATM Put Option → डेल्टा करीब -0.5
  • OTM Put Option → डेल्टा करीब -0.1 से -0.4

🔹 डेल्टा कैसे बदलता है?

डेल्टा स्थिर नहीं होता। यह स्टॉक की कीमत, समय (expiry तक कितना समय बचा है), और वोलैटिलिटी के आधार पर बदलता रहता है। इसे “गामा (Gamma)” नियंत्रित करता है – जो डेल्टा में परिवर्तन को मापता है।


🔹 व्यवहारिक उदाहरण से समझिए:

📘 उदाहरण 1: Call Option

मान लीजिए कि:

  • Reliance का शेयर ₹2,500 पर ट्रेड कर रहा है।
  • आपने ₹2,400 Strike Price का Call Option खरीदा है।
  • उस ऑप्शन का डेल्टा है: 0.85
  • ऑप्शन प्रीमियम: ₹120

अब अगर Reliance का शेयर ₹1 बढ़कर ₹2,501 हो जाए,

तो ऑप्शन प्रीमियम में अनुमानित बढ़ोतरी = 0.85 × ₹1 = ₹0.85
तो नया प्रीमियम होगा ≈ ₹120 + ₹0.85 = ₹120.85

👉 मतलब: Call Option की कीमत भी बढ़ी, क्योंकि अंडरलाइंग स्टॉक की कीमत बढ़ी।


📘 उदाहरण 2: Put Option

मान लीजिए कि:

  • TCS का स्टॉक ₹3,500 पर ट्रेड कर रहा है।
  • आपने ₹3,600 Strike Price का Put Option खरीदा है।
  • उस ऑप्शन का डेल्टा है: -0.75
  • ऑप्शन प्रीमियम: ₹140

अब अगर TCS का शेयर ₹1 गिरकर ₹3,499 हो जाए,

तो ऑप्शन प्रीमियम में अनुमानित बढ़ोतरी = -(-0.75) × ₹1 = ₹0.75
नया प्रीमियम होगा ≈ ₹140 + ₹0.75 = ₹140.75

👉 मतलब: Put Option की कीमत बढ़ती है जब स्टॉक गिरता है।


🔹 डेल्टा न्यूट्रल ट्रेडिंग क्या होती है?

यह एक ऐसी रणनीति होती है जिसमें कुल पोर्टफोलियो का डेल्टा 0 के करीब होता है। मतलब – स्टॉक ऊपर जाए या नीचे, कुल वैल्यू पर ज्यादा असर नहीं पड़ता।

उदाहरण:
अगर आपने +1 डेल्टा वाला Call खरीदा है, तो आप -1 डेल्टा वाली Put या स्टॉक बेचकर बैलेंस कर सकते हैं। इससे आपका नेट डेल्टा = 0 होगा।


🔹 डेल्टा का उपयोग कैसे करें ट्रेडिंग में?

  1. हेजिंग (Hedging): रिस्क कम करने के लिए डेल्टा न्यूट्रल पोजिशन बनाई जाती है।
  2. मुनाफा पहचानने में: डेल्टा से पता चलता है कि ऑप्शन से कितना लाभ हो सकता है।
  3. Probability के रूप में: डेल्टा को कई बार इस रूप में देखा जाता है कि एक ऑप्शन के ITM होने की कितनी संभावना है।

जैसे:

डेल्टा = 0.60
इसका मतलब यह हो सकता है कि उस ऑप्शन के Expiry तक ITM होने की 60% संभावना है।


🔹 डेल्टा बनाम अन्य ग्रीक्स:

Greekअर्थप्रमुख भूमिका
Delta (Δ)स्टॉक मूवमेंट के प्रति ऑप्शन की संवेदनशीलतामुनाफे की गणना
Gamma (Γ)डेल्टा में बदलाव की दरडेल्टा को स्थिर नहीं रहने देता
Theta (Θ)समय के साथ ऑप्शन प्रीमियम का क्षयटाइम डिके
Vega (ν)वोलैटिलिटी के प्रति संवेदनशीलतावोलैटिलिटी ट्रेडिंग

🔹 सावधानियाँ:

  1. डेल्टा हमेशा अनुमान है – यह वास्तविक मूवमेंट से अलग हो सकता है।
  2. News या Events के कारण डेल्टा और अन्य ग्रीक्स तेजी से बदल सकते हैं।
  3. डेल्टा सिर्फ एक उपकरण है – इसे अन्य ग्रीक्स और एनालिसिस के साथ ही प्रयोग करें।

🔹 निष्कर्ष:

ट्रेडिंग में डेल्टा एक शक्तिशाली संकेतक है जो ऑप्शन्स की कीमत और उसके मूवमेंट को समझने में मदद करता है। यदि आप ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते हैं, तो डेल्टा को समझना और सही तरह से उपयोग करना अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल संभावित लाभ दिखाता है, बल्कि जोखिम को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है।

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